Monday 23 May 2011

मेरे मुर्गे को प्यारहुवा है रे चाचा

मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?
मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?
खाता नही पिता नही
बंद पडलीय त्याची वाचा
अब मै क्या करू उसको?
नही डाक्टर दिखानेको
तेरे आंगनमे वो जाताय
कुकुचकु कुकुचकु वो वरडताय
मेरा दानापानी नही उसको भाता
अरे मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?
देख हळुहळु तो कसा भागताय
लई उदास उदास दिखताय
चोच उघडी रखके तो बसतोय
नही फडफड फडफड करताय
अब्बी तुच हैरे बाबा उसका दाता
मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?
मै क्या बोलतोय अब तू ध्यानसे सुन चाचा
ये मुर्गा और तेरी मुर्गीपे प्रसंग आयेलाय
बाका
अरे दोनो का भिड गया आपसमें टाका
अंधेरेमे जाके घेती एकमेकका मुका
ये प्रेमीयोंके बीचमे आता कोनी येवू नका
अबी दोनोके शादीका टैम आयेला है बरका
मेरे मुर्गे को प्यार हुवा है रे चाचा

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